माइक्रोफाइनेंस के नकारात्मक प्रभाव

आम धारणा के खिलाफ, क्या माइक्रोफाइनेंस सभी के लिए समाधान है? इस स्लाइड में हम जानेंगे कुछ माइक्रोफाइनेंस के नकारात्मक पहलुओं की बातें।

उच्च ब्याज दरें

माइक्रोफाइनेंस से मिलने वाले ऋणों की ब्याज दरें अनुपयुक्त हो सकती हैं, जिससे आर्थिक दुखों में वृद्धि हो सकती है।

कर बोझ

कई मामलों में, माइक्रोफाइनेंस से मिलने वाले कर और शुल्क उच्च हो सकते हैं, जिससे ऋण लेने वाले को अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है।

वित्तीय बंधक

कुछ समयों में, माइक्रोफाइनेंस कंपनियां व्यक्तिगत वित्तीय बंधक बन जाती हैं, जिससे उद्यमियों को आर्थिक निर्वाह में समस्या हो सकती है।

ऋण चक्र का जाल

लोन चुकाने का दबाव कुछ परिवारों को नए लोन लेने को मजबूर कर सकता है, जिससे उन्हें ऋण चक्र में फंसा देता है।

सामाजिक तनाव

ऋण चुकाने में असफलता सामाजिक शर्मिंदगी और परिवार में तनाव का कारण बन सकती है।

महिलाओं पर अन्याय

माइक्रोफाइनेंस प्रोग्राम महिलाओं को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखते हैं, लेकिन उनकी वित्तीय निर्भरता बढ़ा सकते हैं।

संस्थागत कमियां

कुछ माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं में अपारदर्शी कार्यप्रणाली, छिपे शुल्क, और दबावपूर्ण ऋण वसूली के तरीके अपनाए जाते हैं।