भारत में माइक्रोफाइनेंस की शुरुआत 1970 में हुई थी, और इसमें भारतीय ग्रामीण बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

भारत में माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं द्वारा दिए गए ऋणों की औसत राशि लगभग 10,000 रुपये है।

माइक्रोफाइनेंस के माध्यम से सबसे अधिक ऋण कृषि, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्रों में लिए जाते हैं।

महिलाएं माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं से ऋण लेने वालों में पुरुषों की तुलना में अधिक हैं।

माइक्रोफाइनेंस संस्थान कैसे पैसा कमाते हैं?

माइक्रोफाइनेंस संस्थाएं अपनी सेवाएं प्रदान करके उस समय का भुगतान करती हैं जब बैंकों और अन्य संस्थाओं के लिए यह संभावना नहीं होती।

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